"मेरे पापा"
हिन्दी ब्लॉग जगत के सभी महानुभावों को सादर प्रणाम! dj के (मेरे) शब्दकोष में कविताओं का मतलब है तुकबंदी और भावनाओं का मिश्रण। बस इससे अधिक कुछ नहीं जानती हूँ कविता रचने के विषय में। फिर भी कभी-कभी कविता लेखन का दुःसाहस कर ही लेती हूँ। क्या करूँ लिखने के मोह से खुद को वंचित नहीं रख पाती।
ब्लॉग पर मेरी पहली कविता है और मेरी और से मेरे पापा को समर्पित। दुनियाँ के सर्वश्रेष्ठ पिता हैं ,वो मेरे लिए।पिता से नज़दीकी का एहसास अधिकतर बेटियों को शादी के पश्चात् होता है। उनसे दूरी बहुत सालती है। बचपन से शादी तक मेरे, मेरे पिता से रिश्ते और उनके साथ के अनुभव पर आधारित मेरी इक पाती…………
dj
मेरे पापा
मेरे पापा
पापा हैं वो .………
जो बचपन में गुड़िया रानी कहकर बुलाते थे,
मेरी राजकुमारी कहकर प्यार से गोद में उठाते थे,
मेरे होठों की हँसी में छिपे दर्द को आज भी भाँप जाते हैं ,
पापा हैं वो........
जो मुझे गुड़िया रानी कहकर बुलाते थे।
हाथ पकड़ मुझे 'अ' 'आ' लिखना सिखाते थे,
उंगली थामकर मुझे 'बस-स्टॉप' तक छोड़ने जाते थे,
पापा हैं वो .……… जो मुझे गुड़िया रानी कहकर बुलाते थे।
पुरूस्कार मिलने पर प्यार से गले लगाते थे,
'रिज़ल्ट' मेरा आता और ख़ुद, खुशी से झूम जाते थे,
मेरे पापा हैं वो .……… जो मुझे गुड़िया रानी कहकर बुलाते थे।
बचपन में मुझे कहानियाँ और गीत सुनाते थे,
पर कितनी लाड़ली हूँ उनकी, ये कहकर कभी न जताते थे,
पापा हैं वो .……… जो मुझे गुड़िया रानी कहकर बुलाते थे।
मेरे 'मन' की बिना कहे जान जाते थे,
हर मुसीबत में ढाल मेरी बन जाते थे,
पापा हैं वो .………जो मुझे गुड़िया रानी कहकर बुलाते थे,
सही-ग़लत/अच्छे-बुरे हर फ़ैसले में मेरा साथ निभाते थे,
और मेरी आँखों में आँसू का इक क़तरा भी वो देख न पाते थे,
मेरे पापा हैं वो .………
जो मुझे गुड़िया रानी कहकर बुलाते थे।
हर मुसीबत में तो उनके आँसू आँखों में थम जाते थे,
पर 'बेटी' की विदाई पर न चाहकर भी छलक ही आए थे ,
क्योंकि पापा हैं वो .……… जो मुझे गुड़िया रानी कहकर बुलाते थे।
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