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प्यारा 'दर्शन '@3

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और दर्शन के लिए मौसी के मन से निकले कुछ मोती ये भी - हज़ारों फूलों सी कोमलता लिए  तू इस धरती पर आया है  darshan's family clock my father's creation तेरी चंचल मुस्कान देख हर किसी का मन तुझपे आया है  चाँद सी शीतलता है तुझमें  और सूरज सा तेज भी  हज़ारों फूल फ़ीके पड़ जाएँ  ऐसी मुस्कान बस एक ही  देखूँ तेरी भोली सूरत तो  तुझमें ही खो जाती हूँ  तू जो हँस दे एक बार तो  shaitani muskaan मैं प्रफुल्ल हो जाती हूँ  तेरे मुँह से निकला 'मौछी'  कानों में मिश्री घोले है  हो जाती तुझ पे न्यौछावर  जब तू ऐसा मीठा बोले है  तुझे प्रभु ने हमें सौपकर  किया हम पर उपकार है तू तो हमारे लिए इस धरती का  lovely darshan सबसे अमूल्य उपहार है   'प्यारा' 'अनोखा' 'सुंदर' सब शब्द  तेरी तारीफ में फीके हैं  तेरी सूरत देख देख तुझे सुनकर ही हम जीते हैं  मिला तू हमें ये  हमारा बड़ा नसीब है cute smile तू लाया खुशियाँ जीवन में  हम बड़े ही खुशनसीब हैं  स्वरचित)   dj    कॉपीराईट  © 1999 – 2015 Google इस ब्लॉग के अंतर्गत लिखित/प्रकाशित स

प्यारा 'दर्शन '@3

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आज हम सबके प्यारे सबके दुलारे दर्शन का तीसरा जन्मदिवस है। यूँ तो उसको बड़े होते देखने में हमने जिस स्वर्गतुल्य आनंद को जिया और अनुभव किया है उसको शब्दों में बाँधना मुश्किल है। पर फिर भी दर्शन की मौसी ने एक निरर्थक प्रयास करने की कोशिश की है आज फिर। और ये कविता समर्पित है नन्हे एनी से  जुड़े हम सभी भाग्यशाली परिवारजनों  को ।  nanha darshan आया दिन ये खुशियाँ लेकर  बोलो एक दो तीन रे  प्यारा एनी बड़ा हो रहा  लगा बरस अब तीन रे  करता था बाते इशारों से  चलता था पलंग कुर्सी के सहारों से  नन्हें नन्हें वही कदम उसके  अब करते हवा से बाते हैं  तोते जैसी पटर पटर तेरी  दिनभर हम सुनकर हर्षाते हैं।  chatar-patar आज सिखाता तू हमको  कविता कैसे कहते हैं  क्यूँ मछली पानी में और  चीते क्यूँ थल में रहते हैं  मूर्खता हमारी तेरे ज्ञान से  परिपूर्ण होने लगी है  तेरे जिज्ञासु सवालों के आगे  तेरी ईबी मौसी भी अब रोने लगी है  तेरे मुख से शब्द निकले तो  और सुन्दर हो जाते हैं  तेरी मीठी बोली से उनमे  चार चाँद लग जाते हैं  मैं तो भर जाती अचंभे से  तू इतन